गुरुवार, 1 अक्तूबर 2020

सर्दी का मौसम - sardi ka mausam

मुक्तक : सर्दी का मौसम 

Neeraj kavitavali

सर्दी का मौसम आते ही, दिल यह मेरा  घबराता

तारे ओझल होते नभ से, चाँद नहीं है दिख पाता

लम्बी लम्बी रातों में  इन, तन्हाई  नागिन  डसती

कैसे गुजरेंगी  बिन  तेरे, सोच सोच  मरता जाता

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नीरज आहुजा