शुक्रवार, 4 सितंबर 2020

कोरोना पर मुक्तक - corona par muktak

 कोरोना पर मुक्तक

Neeraj kavitavali

किसे पता था इक दिन ऐसा भी, आएगा दुनिया में
जीना  मरना  एक बराबर, हो   जाएगा  दुनिया  में
लेन-देन  छूटेगा  सब  से,  जन-जन  में  दूरी  होगी
संकट  कोरोना  जैसा इक, जब  छाएगा  दुनिया में
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नीरज आहुजा