बुधवार, 1 जुलाई 2020

कुछ गाड़ियां कभी नहीं रुकती

कुछ गाड़ियां
कभी नहीं रूकती
उन्हें हती है हमेशा
भागने की
दोड़ने की
अपने निर्दिष्ट
स्थान की तरफ
ना तो उन्हें कोई 
पंक्चर की दुकान
नज़र आती है
और न ही ढाबा
कोई स्पीड ब्रेकर भी
उनकी रफ्तार को
कम नहीं कर पाया
कुछ गाड़ियां यूँ ही रहती है
भागती दोड़ती
किसी सराय की परवाह 
किए बगैर
अपने गंतव्य की और
निरंतर ।
~नीरज आहुजा
स्वरचित