गुरुवार, 2 जुलाई 2020

साथ सभी के यारी रख

हिम्मत रख, खुद्दारी रख
कभी न तू लाचारी रख।
कर्म निरंतर करता जा
थक कर ना बेकारी रख। 
आएं जो अवरोध कभी
दोनों हाथ कटारी रख।
गिरना, उठना, चलना है
मन को न कभी भारी रख।
हार मान कर बैठ नहीं 
सफर हमेशा जारी रख।
हँसना सीख, हँसाना भी
साथ सभी के यारी रख।

~नीरज आहुजा 
स्वरचित