रविवार, 23 अगस्त 2020

कोरोना से घबराते - corona se ghabrate


कोरोना से घबराते 

Neeraj kavitavali

सत्ता के गलियारों से हर, यह आवाजें निकल रही, 

घर पर बैठो, बाहर सबको, बीमारी है निगल रही।

अर्थव्यवस्था और  चिकित्सा, में उन्नत  माने जाते, 

देश आज  लाचार   हुए   वो, कोरोना से घबराते।

भारत में जो फैल गया, ना  रोग  सँभाला जाएगा, 

किया अगर सहयोग न हमने, हाहाकार मचाए गा।

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नीरज आहुजा 

स्वरचित