सोमवार, 27 जुलाई 2020

मयस्सर नहीं होता - mayassar nhi hota


Neerajkavitavali

तेरी अना का
मेरी चाहत के साथ
कभी बसर नहीं होता।।
तू चाँद से ज्यादा
खूबसूरत तो है
लेकिन मुझको
मयस्सर नहीं होता।।
मेरे इश्क़ की सुबह
रात की चौखट पर
दम तोड़ जाती है
और तू है के तुझ पर कोई
असर नहीं होता।।