लावणी छंद : ज़हर वाली थाली
विधान :-
💡लावणी छन्द अर्द्धमात्रिक छन्द है।💡
💡इस छन्द में चार चरण होते हैं, जिनमें प्रति चरण 30 मात्राएँ होती हैं।💡
💡प्रत्येक चरण दो भाग में विभाजित किया गया है जिसकी यति 16-14 पर निर्धारित होती है। अर्थात् विषम पद 16 मात्राओं का और सम पद 14 मात्राओं का होता है।💡
💡दो-दो चरणों की तुकान्तता का नियम है।💡
💡प्रत्येक च। रण का अन्त सदैव एक गुरु या 2 लघु से होना चाहिये।💡
आईये अब एक प्रयास पर ध्यान दें।
जिस थाली में ज़हर दिया है, उस थाली में छेद करो।
कलाकार हैं या पाखंडी, दोनों में अब भेद करो।
जनता ने विश्वास किया तो, तुमको नायक कह डाला।
लेकिन सर चढ़ बैठ गये तुम, जैसे चढ़ती है हाला।
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नीरज आहुजा