गुरुवार, 3 सितंबर 2020

ज़िन्दगी पर मुक्तक zindagi par muktak

 जिंदगी पर मुक्तक

Neeraj kavitavali
बह्र- 2122/2122/2122/212
देखने  में  तो  बहुत  आसान   है  यह  ज़िन्दगी
पर  मगर  सीधी  खड़ी  चट्टान है  यह  ज़िन्दगी
होसला बिन जी नहीं सकते यहाँ हरगिज कभी
जंग जीने  की,  खुला  एलान  है  यह  ज़िन्दगी
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नीरज आहुजा