हात के बढ़ाने पर हात क्यों नहीं करते
ठीक सरहदों पर हालात क्यों नहीं करते
गोलियाँ चलाकर मज़लूम मार देते हो
और पूछते हो फिर बात क्यों नहीं करते
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नीरज आहुजा