मुक्तक : स्वीडन में दंगे
बह्र-1222/1222/1222/1222
बुझाने को हवस अपनी, सदा कुहराम करते हैं।
लगा तकबीर के नारे, यह कत्लेआम करते हैं।
कभी स्वीडन कभी दिल्ली कभी कश्मीर पर हमला
हवाला दे किताबे-पाक का, सब काम करते हैं।
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नीरज आहुजा