शनिवार, 8 अगस्त 2020

बात सारी भूल जा - Baat sari bhool ja

 

Neeraj kavitavali


बात सारी भूल जा
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मुक्तक 

कब तलक तू याद उसको  कर मरेगा दिल बता
जो  हुआ सो हो गया अब  बात  सारी  भूल जा
ज़िन्दगी आगे  पड़ी  है  और  पीछे   कुछ   नहीं
चार  दिन  जो  हैं  खुशी  से  जी  इसे आगे बढ़ा
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नीरज आहुजा 
स्वरचित