शनिवार, 27 जून 2020

हाँ वतन आजाद है- han vatan azaad hai

हाँ वतन आजाद है
हाँ वतन आजाद है।।

शीष कटे खेली थी होली
दिए प्राण खाकर गोली
चढ़ गए फांसी दे दी जान
ऐसे वीर बने महान
बलिदानों की धरा पर
हुआ भारत आबाद है
हां वतन आजाद है।। 

यूं ही नहीं आई आजादी
पहन के कुर्ता वस्तु खादी
दिया था नारा देश को
छोड़ दो फिरंगी भेष को
इसलिए हम संजीदा है
इसलिए तो हम शाद है 
हां वतन आजाद है।। 

इस धरती का खेल निराला
दिया फिरंगी देश निकाला
जो भी आया गया जान से
कहते है हम सभी शान से
दुश्मन की छाती पर हमने
हरदम भर दी गाद है
हाँ आज वतन आजाद है।।

नीरज आहुजा 
 स्वरचित