गुरुवार, 6 अगस्त 2020

चाँद नगर में रहने वाले - chand nagar me rahne waale


Neeraj kavitavali

 "चाँद नगर में रहने वाले"

मुक्तक

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चाँद नगर में रहनेवाले, ख़्वाब सितारों के बुनते

कर विश्वास उसी पर लेते, लोगों से जैसा सुनते

ढोल दूर के लगे सुहाने, देख हक़ीक़त डर जाएं

फूल छोड़ देते  जीवन में, बाकी  के  कांटे चुनते

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नीरज आहुजा

स्वरचित