बुधवार, 15 जुलाई 2020

ख़्यालों का संघर्ष समय- khyalon ka sangharsh samay


ख़्याल आए थे, 
मर गए जे़हन मे ही!! 
दोषी कौन? 
पता नही!! 

Neeraj kavitavali


कुछ देर ठहरते
तो जीते कागज़ पर 
अपनी ही कोई उम्र, 
 
मगर संघर्ष नहीं कर पाये।
लगा के जैसे आत्मा मर गई, 
शरीर धारण करने से पहले। 

दाह से वाह के मध्य
ख़्यालों का संघर्ष समय होता है!