मंगलवार, 7 जून 2022

पत्थर दिल


शीर्षक : पत्थर दिल

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नीरज कवितावली

दोष देना, चिल्लाना

और अलग हो जाना

तुम्हार दु:ख नहीं, 

तुम्हारी प्रवृति है।

तुम बिना स्वार्थ के साथ 

नहीं रह पाते। 

इसिलिये

ना तुम कभी सम्पूर्ण हो पाते हो, 

और ना ही कभी मुझे 

सम्पूर्ण होने का अहसास दे पाते हो।

मन की एकाग्रता को भंग कर 

मन को आकर्षित करते हो

और दूर भाग जाते है।

बाद इसके मन तड़पता है

चोट खाता है और

ठोस हो जाता है। 

फिर दुनिया इसे "पत्थर दिल" 

कह कर बुलाती है।

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नीरज आहुजा 

यमुनानगर (हरियाणा) 

मुक्तक : दिल सुधरता नहीं। Dil Sudharta Nhi


मुक्तक : दिल सुधरता नहीं 

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बह्र- 2122-2122-2122 212

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नीरज कवितावली

गीत  गाता  इश्क़  के तो दर्द  के  गाता  कभी।

बाज अपनी हरकतों से दिल नहीं आता कभी।

टूटना  मंज़ूर   इसको,   छोड़ता  ना  आशिक़ी

दिल  सुधर जाए  हमारा  हो नहीं  पाता कभी।

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नीरज आहुजा

यमुनानगर ( हरियाणा) 

सोमवार, 6 जून 2022

मुक्तक : पहले खुद को तो बदलो pahle khud ko to badlo

मुक्तक : पहले खुद को तो बदलो

(विधान-लावणी छंद) 

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नीरज कवितावली


मैल चढ़ी  होती  सूरत  पर, शीशे   पर  आरोप   मढ़ो।

नीचा  दिखलाने   को   सारे,  क्यूँ  झूठे  आरोप  गढ़ो।

दुनिया यह बदलेगी  तब ही, पहले ख़ुद को  तो बदलो

जिसे पढ़ाना चाहो सबको, खुद भी तो  वह पाठ पढ़ो।

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नीरज आहुजा

यमुनानगर (हरियाणा) 

रविवार, 5 जून 2022

Jeevan par muktak जीवन यह अनमोल

दोहा-मुक्तक

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Neeraj kavitavali


खेल खेल में खो दिया जीवन यह अनमोल।

भरी  जवानी   प्यार  में   देता   सारी   रोल।

आई लाठी  हाथ  में,  मुँह   से  कहता  राम

सांसों की  टूटी  लड़ी, कुछ ना निकले बोल।

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नीरज आहुजा

यमुनानगर (हरियाणा) 

शुक्रवार, 3 जून 2022

मुक्तक : जैसे होती घरवाली


मुक्तक : जैसे होती घरवाली 

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नीरज कवितावली

कभी  दिखेगा  चाँद  कटोरी, कभी  दिखे जैसे थाली।

छिप जाता है गुस्से में यह, ओढ़ कभी  छाया  काली।

बदल बदल कर रूप दिखाता, नाच नचाता है मन को

मनमर्जी  का  मालिक  है  यह,  जैसे  होती  घरवाली

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नीरज आहुजा

यमुनानगर (हरियाणा) 

बुधवार, 1 जून 2022

Muktak : sda chalte rho

धर  हाथ  पर क्यूँ  हाथ  को, बैठे रहो, चलते रहो।


 क्यूँ दोष दो मिलता नहीं कुछ, आग में जलते रहो।


किस्मत उसी की, कर्म की  जो राह पर चलता रहे


न में  जगा  उम्मीद का  दीपक सदा  चलते  रहो।

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नीरज आहुजा 
यमुनानगर (हरियाणा)