मंगलवार, 7 जून 2022

मुक्तक : दिल सुधरता नहीं। Dil Sudharta Nhi


मुक्तक : दिल सुधरता नहीं 

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बह्र- 2122-2122-2122 212

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नीरज कवितावली

गीत  गाता  इश्क़  के तो दर्द  के  गाता  कभी।

बाज अपनी हरकतों से दिल नहीं आता कभी।

टूटना  मंज़ूर   इसको,   छोड़ता  ना  आशिक़ी

दिल  सुधर जाए  हमारा  हो नहीं  पाता कभी।

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नीरज आहुजा

यमुनानगर ( हरियाणा) 

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