रविवार, 5 जून 2022

Jeevan par muktak जीवन यह अनमोल

दोहा-मुक्तक

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Neeraj kavitavali


खेल खेल में खो दिया जीवन यह अनमोल।

भरी  जवानी   प्यार  में   देता   सारी   रोल।

आई लाठी  हाथ  में,  मुँह   से  कहता  राम

सांसों की  टूटी  लड़ी, कुछ ना निकले बोल।

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नीरज आहुजा

यमुनानगर (हरियाणा)