मंगलवार, 14 जुलाई 2020

रहे ना चैन से दिन भर - rahe naa chain se din bhar

रहे  ना  चैन  से   दिन  भर, रात  को  सो  नहीं  पाता 

सिवा दिल इश्क़ के बस और कुछ भी  काम ना आता 

नजर भर  देखने  से  ही  किसी  की  हो  चले  घायल

पता चलता नहीं दिल का कि जब तक खो नहीं जाता

बह्र - 1222 1222 1222 1222

नीरज कवितावली