मंगलवार, 8 सितंबर 2020

मुक्तक : साथ ना तुम मांगना - sath na tum mangna

 मुक्तक : साथ ना तुम मांगना

Neeraj kavitavali

बह्र - 2122 2122 2122 212 
बेड़ियाँ  लगती  अगर  हैं,  साथ  ना  तुम  मांगना
हाथ   में  अपने   हमारा  हाथ   ना   तुम  मांगना
सौंप अपना सस दिया शासन नहीं तुम पर किया
है  मिला  आरोप  हमको,  गाथ  ना  तुम  मांगना
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नीरज आहुजा