मुक्तक : जीवन का अफ़साना लिख
दुनिया है यह जलती शम्मा, खुद को इक परवाना लिखचाहत में मरजाता कैसे, है आतुर दीवाना लिखबाद मगर मरजाने के तब, याद करेगी यह दुनियासंघर्षों में कैसे बीता, जीवन का अफ़साना लिख---------------नीरज आहुजा
दुनिया है यह जलती शम्मा, खुद को इक परवाना लिख
चाहत में मरजाता कैसे, है आतुर दीवाना लिख
बाद मगर मरजाने के तब, याद करेगी यह दुनिया
संघर्षों में कैसे बीता, जीवन का अफ़साना लिख
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नीरज आहुजा