शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

मुक्तक : हाय मैंने क्या किया, haye maine kya kiya

 

मुक्तक : हाय मैंने क्या किया 

**************

बह्र- 2122-2122-2122-212


Neeraj kavitavali


थी कदर जिसको नहीं, क्यूँ सौंप उसको दिल दिया।

जान  बिन  कैसे  भरोसा  अजनबी  पर  कर  लिया।

ठोकरें    खाई,    मिली    बदनामियाँ   हरपल   मुझे

सोचता  हूँ  रात  दिन  अब, हाय!  मैंने  क्या  किया।

*****

नीरज आहुजा

यमुनानगर (हरियाणा)