सोमवार, 24 अगस्त 2020

मुक्तक : पलटकर देख लेते तुम- palatkar dekh lete tum

 पलटकर देख लेते तुम

Neeraj kavitavali

रहा  पहले  न  जैसा  अब, बदल  सारा  गया  मौसम
खुशी रहती नहीं रुख पर, छलकती  आँख  है  हरदम
गये  हो  देस  किस तुम, छोड़  कर  हमको, बता  देते
हुआ है  हाल  क्या  पीछे,  पलट  कर  देख  लेते  तुम
---------—
नीरज आहुजा