"सब अच्छा हो जाएगा"
बदलती है रुत,
मौसम और समय भी।
एकरस इस संसार में
क्या रह पाएगा।।
जो आज है कल नहीं।
जो कल होगा वो परसो नहीं।
वक्त का पहिया घुमेगा और
सब कुछ बीता जाएगा।।
यही धारणा लिए मन मे
पड़ता है जीना
भले हो दु:ख कितने भी
हार नहीं मान सकते
रखनी पड़ती है आशा
अच्छा होने की
और कहना पड़ता है
सब अच्छा हो जाएगा ।।
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नीरज आहुजा
स्वरचित