चाँद अकेला देख, सितारे, करते जब छेड़ा खानी
कोई आँख मिलाना चाहे, कोई करता शैतानी
उठा पटक कर आसमान से, जब इनको फेंका जाता
टूटा तारा देख दुआएँ, मांगे हम बन अज्ञानी
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नीरज आहुजा