ग़ज़ल
बह्र-2122 1212 22
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हम तुम्हें यूँ कभी भुला देंगे
सांस लेंगे नहीं, दबा देंगे
याद होगी अगर कहीं दिल में
आँसुओं से उसे मिटा देंगे
तुम कभी हो नहीं सके मेरे
झूठ कहते रहे वफ़ा देंगे
प्यार होता अगर कदर होती
इश्क़ तुमको नहीं, दिखा देंगे
जो नहीं चाहता कि मैं सुलझूं
जुल्फ़ को खोल लट घुमा देंगे
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नीरज आहुजा
स्वरचित रचना
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