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बुधवार, 1 जून 2022
Muktak : sda chalte rho
धर हाथ पर क्यूँ हाथ को, बैठे रहो, चलते रहो।
क्यूँ
दोष दो मिलता नहीं कुछ, आग में जलते रहो।
किस्मत उसी की, कर्म की जो राह पर चलता रहे
म
न में जगा उम्मीद का दीपक सदा चलते रहो।
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नीरज आहुजा
यमुनानगर (हरियाणा)
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