देख कर दुनिया तुम्हारी, थर थराती ज़िन्दगी
चोर आते लूटते, अस्मत बचाती ज़िन्दगी
बंद दरवाज़ा किया है, डर बना दरबान है
झांकती बस खिड़कियों से, जी न पाती ज़िन्दगी
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नीरज आहुजा
आज के सामाजिक वातावरण पर गंभीर चोट 💐💐
आज के सामाजिक वातावरण पर गंभीर चोट 💐💐
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